75 साल के रामदेव की मौत पर मोहम्मद अरमान ने दोस्तों के साथ मिलकर अर्थी सजाई और हिंदू रीति के अनुसार अंतिम संस्कार कराया.
लोगों का कहना है कि पटना के समनपुरा में सालों पहले रामदेव भूखे-प्यासे भटकते हुए पहुँच गए थे, तब से ही रामदेव अरमान की दुकान में बतौर सेल्समैन काम कर रहे थे.